मृत्युंजय सिंह – गांव से ग्लोबल तक का सफर

उत्तर प्रदेश के चंदौली जिले के औरैया गांव में जन्मे मृत्युंजय सिंह ने अपनी मेहनत और प्रतिभा से वो मुकाम हासिल किया है, जिसका सपना हजारों लोग देखते हैं। IIT BHU, वाराणसी में इनक्यूबेटी मृत्युंजय ने Google और WeChat जैसी कंपनियों के ऑफर ठुकरा दिए — सिर्फ भारत में रहकर कुछ बड़ा करने के लिए।
संघर्ष और शुरुआत
2008 में आई बाढ़ ने गांव को तबाह कर दिया था, लेकिन मृत्युंजय ने हार नहीं मानी। 2013 में 10वीं पास करते समय एक मोबाइल गेम बनाया, जिससे उन्हें INSPIRE अवार्ड मिला।
अंतरराष्ट्रीय पहचान
2017 में सिंगापुर टेक्नोलॉजी हैकथॉन में उन्हें मुख्य वक्ता के रूप में बुलाया गया। प्रधानमंत्री मोदी ने उनकी सराहना करते हुए उन्हें NIF, अहमदाबाद भेजा।
स्टार्टअप और नवाचार
उनका सपना है कि वाराणसी को स्टार्टअप हब बनाया जाए। अब तक वह 8 बच्चों के नवाचार का पेटेंट करवा चुके हैं और हर साल 100 बच्चों की मदद करना चाहते हैं।
प्रमुख आविष्कार
- VGMSecurity: महिला सुरक्षा और चोरी हुए फोन को ट्रैक करने वाला ऐप।
- VGMTrack: बाइक और कार चोरी रोकने वाला स्मार्ट डिवाइस और ऐप।
"मेरा सपना है कि भारत को इनोवेशन की ताकत से आगे ले जाऊं।" – मृत्युंजय सिंह